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मेघालय के दिल में बसी है एक पुरानी लेकिन ज़िंदा होती परंपरा जिसे पेड़ों ने और इंसानों ने मिलकर गढ़ा है। इन्हें कहा जाता है — लिविंग रूट ब्रिजेज़। ये ...
केरल के अखिल और अमृता की लव स्टोरी बेहद खास है। दस साल की उम्र में Burn Victim बनीं अमृता को लगा नहीं था कि कोई उनके चेहरे से इतर ...
लोकेश और उनकी माँ का सफरनामा याद दिलाता है कि घर का काम भी एक काम होता है, और माँ को भी एक ब्रेक मिलना चाहिए। (Mother-Son Travel Journey, Gift ...
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा”:flag-in: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के इस नारे ने पूरे देश को जगाने और ...
सोचिए एक घर की छत पर कितने तरह के फूल उगाए जा सकते हैं, आपका जवाब होगा,पचास, साठ या सौ तरह के, लेकिन केरल की अंजू ने घर की छत ...
कारगिल की लड़ाई में देश की रक्षा करते हुए अपना हाथ और दोनों पैर खो दिए, लेकिन न तो देश की सेवा का जज्बा कम हुआ न ही जिंदादिली ...
M.Phil किया, कॉलेज में पढ़ाया… लेकिन असली बदलाव तब आया जब शब्बीर अहमद ने चुना Beekeeping का रास्ता। Beekeeping से न सिर्फ ...
नागपंचमी पर जो सांप दिखते हैं, उनके दांत पहले ही तोड़ दिए जाते हैं। फिर उन्हें 15-20 दिन भूखा-प्यासा रखा जाता है, जब दूध सामने रखते हैं, वो मजबूरी में ...
जिसने अकेले रणथंभौर को पहचान दी, जिसकी दहाड़ जंगल की रूह बन गई,जिस पर डाक टिकट छपा, डॉक्युमेंट्री बनी,उसका नाम था मछली। एक बाघिन, एक माँ, एक रानी और दुनिया ...
एक अकेले इंसान की छोटी सी पहल भी बड़े-बड़े बदलाव ला सकती है। इसका सटीक उदाहरण हैं प्रदीप रथ और उनके लगाए 60 हजार पौधे। ...
एक दिन अचानक सब कुछ भूल जाने वाली पद्मजा,आज दूसरों को याद रह जाने वाली कहानियाँ बना रही हैं। उनकी हिम्मत हमें सिखाती है कि ज़िंदगी को दोबारा लिखा जा ...
गरीबों का मुफ़्त इलाज कर रहे हैं बंगाल के डॉ. फारूक। Dr. Farooq from Bengal giving free treatment to poor from last 10 years ...
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